महाशिवरात्रि हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है जो भगवान शिव की आराधना के लिए समर्पित है। इस दिन शिव भक्त उपवास रखते हैं, रात्रि जागरण करते हैं और शिवलिंग का जलाभिषेक कर महादेव का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। आइए जानते हैं महाशिवरात्रि 26 फरवरी 2025 की तिथि, पूजा विधि, व्रत के नियम और इससे मिलने वाले लाभों के बारे में विस्तार से।
Table of Contents
महाशिवरात्रि 2025: तिथि और शुभ मुहूर्त
दिनांक | महाशिवरात्रि 2025 की तिथि |
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दिन | शुक्रवार |
तारीख | 26 फरवरी 2025 |
निशीथ काल पूजा मुहूर्त | रात 12:09 से 12:57 (27 फरवरी) |
चतुर्दशी तिथि प्रारंभ | 26 फरवरी 2025 को 03:25 AM |
चतुर्दशी तिथि समाप्त | 27 फरवरी 2025 को 05:15 AM |
महाशिवरात्रि क्यों मनाई जाती है?
महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है क्योंकि इस दिन को भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह का दिन माना जाता है। यह दिन शिव जी के ‘तांडव नृत्य’ से भी जुड़ा हुआ है, जो सृजन, संरक्षण और संहार का प्रतीक है।
महाशिवरात्रि पर क्या करें और क्या न करें?
क्या करें?
- शिवलिंग का जलाभिषेक करें: गंगाजल, दूध, शहद और बेलपत्र से शिवलिंग का अभिषेक करें।
- रात्रि जागरण करें: पूरी रात जागकर शिव मंत्रों का जाप करें और भजन-कीर्तन करें।
- ऊं नमः शिवाय मंत्र का जाप करें: इस मंत्र के जाप से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
- सच्चे मन से उपवास करें: भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखें।
- दान-पुण्य करें: गरीबों और जरूरतमंदों को अन्न और वस्त्र दान करें।
क्या न करें?
- तामसिक भोजन न करें: प्याज, लहसुन, मांस और शराब का सेवन न करें।
- बुरे विचारों से दूर रहें: क्रोध, द्वेष और ईर्ष्या से बचें।
- देर तक सोने से बचें: इस दिन जल्दी उठें और शिव जी की पूजा करें।
- तोड़फोड़ और अपशब्दों से बचें: किसी का अपमान न करें और संयम बनाए रखें।
- शिवलिंग पर हल्दी न चढ़ाएं: शिवलिंग पर हल्दी चढ़ाना निषेध माना जाता है।
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महाशिवरात्रि व्रत कैसे करें?
व्रत के प्रकार
व्रत का प्रकार | विवरण |
पूर्ण उपवास | पूरे दिन निर्जला व्रत रखना |
फलाहार व्रत | फल, दूध और मेवे का सेवन करना |
एक समय भोजन | केवल एक बार सात्विक भोजन करना |
व्रत रखने की विधि
- स्नान और संकल्प लें: सुबह जल्दी उठकर गंगाजल से स्नान करें और व्रत का संकल्प लें।
- पूजा करें: शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र और धतूरा चढ़ाएं।
- शिव मंत्रों का जाप करें: पूरे दिन ‘ॐ नमः शिवाय’ का जाप करें।
- सत्संग और भजन-कीर्तन करें: इस दिन शिव महापुराण या शिव भजन सुनना शुभ माना जाता है।
- रात्रि जागरण करें: पूरी रात शिव चालीसा और मंत्रों का जाप करें।
महाशिवरात्रि पर उपवास के दौरान ध्यान देने योग्य बातें
- जल का सेवन करें: निर्जला व्रत कठिन हो सकता है, इसलिए जल का सेवन करते रहें।
- शारीरिक श्रम से बचें: अधिक शारीरिक कार्य करने से कमजोरी हो सकती है।
- सकारात्मक विचार रखें: व्रत के दौरान मानसिक शुद्धता बनाए रखें।
- संयम रखें: क्रोध, लालच और अहंकार से दूर रहें।

महाशिवरात्रि व्रत के लाभ
- आध्यात्मिक उन्नति: मन को शांति और आध्यात्मिक शक्ति मिलती है।
- शारीरिक लाभ: उपवास करने से शरीर डिटॉक्स होता है।
- सकारात्मक ऊर्जा: नकारात्मक विचार दूर होते हैं।
- भाग्य और सुख-समृद्धि: भगवान शिव की कृपा से जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
महाशिवरात्रि 2025 से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न (FAQs)
- महाशिवरात्रि 2025 कब है?
- महाशिवरात्रि 26 फरवरी 2025, शुक्रवार को है।
- महाशिवरात्रि पर क्या खाना चाहिए?
- फल, दूध, मखाना, साबूदाना, सिंघाड़े का आटा और ड्राई फ्रूट्स का सेवन किया जा सकता है।
- महाशिवरात्रि पर उपवास क्यों रखा जाता है?
- शिव जी की कृपा पाने और आत्मशुद्धि के लिए उपवास रखा जाता है।
- महाशिवरात्रि पर कौन सा मंत्र सबसे शुभ है?
- ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप सबसे शुभ माना जाता है।
महाशिवरात्रि एक दिव्य पर्व है जिसमें भगवान शिव की भक्ति से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है। इस दिन सच्चे मन से पूजा और व्रत करने से इच्छित फल की प्राप्ति होती है।
हर हर महादेव! 🙏
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