सीता नवमी 2025 | Sita navami: माता जानकी के जन्मोत्सव का पावन पर्व

सीता नवमी, जिसे जानकी नवमी भी कहा जाता है, हिन्दू धर्म में एक अत्यंत पवित्र पर्व है। यह पर्व माता सीता के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिन्हें भगवान विष्णु की पत्नी लक्ष्मी जी का अवतार माना जाता है। उनका जन्म वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हुआ था, इसलिए इस दिन को सीता नवमी कहा जाता है।

माता सीता का जीवन त्याग, समर्पण और मर्यादा की प्रेरणादायक मिसाल है। इस दिन व्रत, पूजन, कथा, और आरती के माध्यम से श्रद्धालु माता सीता और भगवान राम को स्मरण करते हैं।


📅 सीता नवमी 2025: तिथि व शुभ मुहूर्त

विवरणसमय/तिथि
पर्व का नामसीता नवमी / जानकी नवमी
तिथिसोमवार, 5 मई 2025
नवमी तिथि प्रारंभ5 मई को सुबह 7:35 बजे
नवमी तिथि समाप्त6 मई को सुबह 8:38 बजे
मध्याह्न पूजन मुहूर्त5 मई को 10:58 AM से 1:38 PM

👉 मध्याह्न का समय माता सीता की पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना गया है, क्योंकि यही समय उनका प्राकट्य काल माना जाता है।


🕉️ पूजन विधि: आसान और श्रद्धापूर्वक

सीता नवमी पर पूजा विधि इस प्रकार है:

1. प्रातः काल की तैयारी

  • सूर्योदय से पूर्व स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
  • पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें।

2. मूर्ति या चित्र स्थापना

  • भगवान श्रीराम और माता सीता की मूर्ति या चित्र को पीले वस्त्र पर स्थापित करें।

3. पूजन सामग्री रखें तैयार

सामग्रीउपयोग
रोली, अक्षत, पुष्पतिलक और अर्पण के लिए
धूप, दीप, घीआरती हेतु
फल, मिठाई, पंचामृतभोग के लिए
कलश, जल, तुलसी दलसंकल्प और पूजन हेतु

4. पूजन प्रक्रिया

  • सबसे पहले संकल्प लें।
  • माता सीता और श्रीराम को रोली और अक्षत अर्पित करें।
  • फूल, धूप, दीप अर्पित करें।
  • पंचामृत व फल-मिठाई का भोग लगाएं।
  • सीता नवमी व्रत कथा पढ़ें या सुनें।
  • आरती करें और प्रसाद वितरित करें।

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📖 सीता जी की जन्म कथा (वाल्मीकि रामायण अनुसार)

मिथिला में एक समय भयंकर अकाल पड़ा। राजा जनक ने समाधान हेतु यज्ञ प्रारंभ किया। यज्ञ भूमि जोतते समय उन्हें हल की नोक से भूमि में एक सुनहरी डलिया प्राप्त हुई, जिसमें एक दिव्य कन्या थी। उन्होंने उसे ‘सीता’ नाम दिया — क्योंकि वह ‘सीता’ (हल की नोक) से प्रकट हुई थीं। राजा जनक ने उसे अपनी पुत्री के रूप में अपनाया। इस प्रकार माता सीता का पृथ्वी पर अवतरण हुआ।


🪔 माता सीता के मंत्र: मन, विवाह और भक्ति के लिए

सीता नवमी के दिन इन मंत्रों का जाप विशेष फलदायी होता है:

मंत्रप्रभाव
ॐ श्री सीतायै नमःमन की शुद्धता और श्रद्धा बढ़ाता है
ॐ जानकीवल्लभाय नमःवैवाहिक सुख व राम-सीता आराधना हेतु
ॐ जानकी रामाभ्यां नमःपति-पत्नी में प्रेम और समर्पण हेतु
ॐ दाशरथये विद्महे… (राम गायत्री)बुद्धि, बल, भक्ति की प्राप्ति
ॐ जनकनंदिन्यै विद्महे… (सीता गायत्री)नारी शक्ति, धैर्य, और प्रेरणा

👉 इन मंत्रों का जाप 108 बार माला से करें, और मन को एकाग्र रखें।


🌼 सीता नवमी का महत्व

पहलूमहत्व
धार्मिक महत्वलक्ष्मी जी का अवतार — धर्म, त्याग और नारी मर्यादा का प्रतीक
व्रत का लाभवैवाहिक सुख, संतान सुख और पारिवारिक शांति
सामाजिक प्रेरणामहिलाओं के लिए धर्म व कर्तव्य के प्रति सजगता की प्रेरणा

🎶माता सीता की आरती

जय सिया राम जय जय सिया राम
भजन करूँ मैं तेरा नाम ॥

सीता राम, सीता राम,
भज प्यारे तू सीता राम ॥

जनक सुतासिया, रामप्रिय रमा,
भक्तन के संकट हरती सदा ॥

पावन चरित सुगंधित गाथा,
सुनत मिटे मन की सब व्यथा ॥

राम के संग वन गमन किया,
मर्यादा की लाज बचा लिया ॥

अग्नि परीक्षा दी नारी ने,
सत्य का दीप जलाया प्यारे ॥

सती स्वरूपा दया की मूरत,
जन-जन की तुम हो भावी पूरति ॥

लव कुश माता, शक्ति तुम्हारी,
पग-पग पर तुम रखती हो न्यारी ॥

सभी देवता वंदन करते,
जो नाम तेरा मन में धरते ॥

सीता मइया, कर दो दया,
भक्त को दो स्नेह और छाया ॥

आरती जो कोई जन गावे,
मनवांछित फल वह सब पावे ॥

🔅
जय सिया राम जय जय सिया राम
भजन करूँ मैं तेरा नाम ॥

👉 आरती के समय दीपक जलाएं और भक्तिभाव से यह स्तुति करें।

Sita Navami 2025


🛕 भारत में सीता नवमी का उत्सव

स्थानउत्सव की विशेषता
अयोध्या (UP)भव्य झांकियां, विशेष पूजा
मिथिला (बिहार)जन्मस्थली पर विशाल समारोह
रामेश्वरम (TN)व्रत, अनुष्ठान, भजन कीर्तन

📌 सारांश तालिका

बिंदुविवरण
पर्व का नामसीता नवमी / जानकी नवमी
तिथि5 मई 2025 (सोमवार)
पूजा मुहूर्त10:58 AM से 1:38 PM
पूजा विधिमाता सीता और भगवान राम की श्रद्धापूर्वक पूजा
व्रत लाभवैवाहिक सुख, संतान की प्राप्ति, पारिवारिक सुख

सीता नवमी नारी शक्ति, त्याग और धर्म की प्रेरणा है। माता सीता का आदर्श जीवन आज भी महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए प्रेरणा स्त्रोत है। इस दिन श्रद्धा से व्रत और पूजन करके हम उनके जीवन के आदर्शों को आत्मसात कर सकते हैं।

सीता नवमी 2025 की आपको एवं आपके परिवार को हार्दिक शुभकामनाएं! 🌺


❓FAQs

Q1. सीता नवमी कब मनाई जाएगी 2025 में?
➡️ 5 मई 2025, सोमवार को।

Q2. पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?
➡️ 10:58 AM से 1:38 PM तक।

Q3. माता सीता का जन्म कैसे हुआ था?
➡️ यज्ञ के समय हल की नोक से पृथ्वी से प्रकट हुई थीं।

Q4. व्रत रखने से क्या लाभ होता है?
➡️ वैवाहिक सुख, संतान सुख और पारिवारिक शांति की प्राप्ति होती है।

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